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Monday 28 January 2013

गिलहरियां


गिलहरियां
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काले चुहे  बिलों में
छिपे रहते है
ये आदमी से कितना डरते है !

सफ़ेद चुहे आदमी से तो नही
पर घर से  बाहर निकलनें से डरते है
ये दोनो बडे गंदे महकते है
और

गिलहरियां ! ओह ;

कितनी स्वछंद
कितनी निडर

फ़ुदकते हुए
तेजी से चढती उतरती पेड पर
और
अपनी झबरीली पूंछ फ़ैलाकर
कुछ कुतरती रहती है

सचमुच कितनी सुंदर लगती है
गिलहरियां
एकदम
निर्विकार ।
-----------शिव शम्भु शर्मा ।







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