अनावृत
स्वागत है आपका ।
Tuesday 22 January 2013
अंग्रेजी भारी है
हिन्दी हल्की , अंग्रेजी भारी है
कैसी फ़ैली ये महामारी है
चलो अच्छा है
न ये हमारी है
और न तुम्हारी है
अंग्रेजी के द्वार पर
अक्ल गई मारी है
फ़िर क्या
खिचडी के लिये
आज भी
कटोरा लिये खडा
भारतीय भिखारी है ।
----------------------शिव शम्भु शर्मा ।
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