अनावृत
स्वागत है आपका ।
Thursday 14 February 2013
श्रीमान जी
श्रीमान जी
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कोई भाट चारण बंदी या मसखरा नही हूं मै
बरफ़ का तेल नही बेचता मै
शब्दो के बिंब से
चमत्कारी तिलिस्म बनाकर
बाजार सजाकर
पुडियां नही बेचता मै
मुझे माफ़ कीजिये श्रीमान जी ॥
--------------------शिव शम्भु शर्मा ।
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