बहुत कुछ देख कर जान चुके अब
हमें अनजान बने रहने दो
अपने गम से ही गुमसुम सही
हमें गुमनाम बने रहने दो
तुम कमा लो सारे जहाँ की नेक-नामियाँ
हमें बदनाम बने रहने दो
तुम मनाओ हर रोज ईद दिवाली और होली
हमें केवल रमजान रहने दो
तुम बन जाओ अमेरिका लंदन औ ईटली
हमें तो बस हिन्दुस्तान रहने दो
मेरी मुफ़लिसी के सच से उठाओ न तुम यूं परदा
बस इतना सा इत्मिनान बने रहने दो
तुमसें बतियानें का अब कहाँ बचा रहा मेरा शऊर
उजडा ही सही मगर मुझे
अपने कब्रिस्तान में बने रहने दो ।
-------------------शिव शम्भु शर्मा ।
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