उन्होनें कहा --
तुम बिम्ब विधान नही समझतें
साहित्य समझना तुम्हारे जैसो के वश का नही है
मैने कहा---
तुम भी ,.जो जैसा है उसे वैसा नही समझते
सच्चाई समझना तुम्हारे जैसो के वश का भी नही है
हम दोनो में फ़र्क बस इतना था
मैं बिम्ब नही समझता
और वह बम्बू नही,.....।
---------------------शिव शम्भु शर्मा ।
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