मै लिखकर मिटा देता हूं
संजोकर रखना नही चाहता
अकेला हूं
रेत पर
रोज देखता हूं
आती जाती लहरो को
लिखे हुए हर्फ़ो के हश्रों को
न भी मिटाउँ
तब भी ये खुद ब खुद मिट जायेंगी
मुझे लहरों का सहयोग भी नही चाहिये ।
-----शिव शम्भु शर्मा ।
संजोकर रखना नही चाहता
अकेला हूं
रेत पर
रोज देखता हूं
आती जाती लहरो को
लिखे हुए हर्फ़ो के हश्रों को
न भी मिटाउँ
तब भी ये खुद ब खुद मिट जायेंगी
मुझे लहरों का सहयोग भी नही चाहिये ।
-----शिव शम्भु शर्मा ।
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