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अब प्रेम की कविता देखते ही
चौक जाता हूं
कविता से नही
प्रेम से भी नही
उसके रचयिता से डरने लगा हूं
पता नही क्या निकले
प्रेम तो प्रेम है
पर प्रेम है किसका ?
वह लेस्बियन है या गे
यह जानना बेहद जरूरी हो गया है
क्योकि
कविता बडी नही होती कभी
कविता से कवि बडा होता है
हमेशा ।
-----------------------शिव शम्भु शर्मा ।
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