अनावृत
स्वागत है आपका ।
Friday 12 September 2014
वह सब
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जान बूझ कर
मैनें अंधेरें का रास्ता चुना
उल्लुओं चमगादडों से उनका पता पूछा
उनके घर देखे
उनके साथ जिया उनकी जिन्दगी
उनके जीने का अंदाज देखा
सच कहुं तो
रौशनी मे वह सब दिखायी नही देता
जो दीखता है
अंधेरें मे ।
--------------------शश ।
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