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उन दिनों
मैं रोज देखता था
जल रही चिताओं के पास उनके अपनों का झुण्ड
उन दिनों से आज तक नही देखा
किसी को भी
जल चुकी चिता के पास
मुझे अजीब नही लगता ऎसा देखकर
मुझे अजीब तब भी नही लगा था
जब फ़ुसफ़ुसाते हुए कईयों ने मुझे औघड कहा
उन दिनो लोग मुझसे कतराने लगे
और उन्हीं दिनों
मैं लोगो का बहुत कुछ समझ चुका था ।
------------श श श ।
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