हजारो साल से दास रहे जिल्लत को फ़ख्र समझने वाले देश मे
***********************
लिखने का अर्थ है --पत्थर पे सर पटकना
पेट और मन की भूख की टीस लिए जीना
जवानी मे चेहरे का रंग बदरंग हो जाना
असमय मे ही चेहरे पर झुर्रियां पड जाना
अरण्य मे पुरी ताकत से चिल्लाते रहना
कौवों के प्रहार से सर से लहु टपकना
कुत्तों के काटने पर भी लडखडा कर चलना
रेल की पटरियो पर लेट कर जीना
धडधाती रेल को उपर से गुजरते देखना
--------सह सकते हो इतना ?
अगर हाँ ------तब लिखना कविता
इतना आसान नही है कवि होना ।
-----------------------------श्श्श ।
No comments:
Post a Comment