स्वागत है आपका ।

Friday 20 September 2013

शराब ।


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हत्या लूट
आये दिन बलात्कार
थमने का नाम नही ले रहे है
इनके तमाम वजहों में एक बेहद शातिर चीज
शामिल रहती है
जिसके कारोंबार पर सभी
चुप रहते है
सरकार भी
आवाम भी
अक्सर
और वह है --शराब ।
----------------शिव शम्भु शर्मा ।

Wednesday 18 September 2013

पुरस्कार


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नामी गिरामी राजाओं महाराजाओं
दाताओं के द्वारा
भाट -दरबारी कवियों  लिखनीहारों नर्तकियों गवैयों
ढोलकियों मृदंगियों चित्रकारों मशखरों को

जी हुजुरी जयगान जयघोष श्रृंगार की एवज में
खुशी खुशी जो कुछ दिया जाता रहा है
उसे भीख न कहकर
ईनाम कहा जाता था
और कही -कही पुरस्कार

आज उसी पुराने पाक का संशोधित परिष्कृत रूप
पुरस्कार है
जो एक मुहर है
बाजार में बिकने की उत्कृष्टता के उंची कीमत का
प्रमाणपत्र है
जिसके लिये और जिस पर
सबसे पहले
 भिनभिनाती रहती है मक्खियाँ

सोचता हूं यह  पुराना घिनौना  खेल
अब तक खत्म क्यो नही हो जाता
साहित्य में ही सही कम से कम आ तो जाता
समाजवाद ।
-------------------शिव शम्भु शर्मा ।

Friday 13 September 2013

हिन्दी दिवस
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हिन्दी दिवस
दरअसल एक फ़ंड है
आँख लगाए बैठे रहते है, वे
जिन्हें अपनी भाषा पर
घमंड है
क्योकि इसी दिन भक्षण होता है
तृप्त होते है , वे
जो हिन्दी के प्रचंड है ।
-------------शिव शम्भु शर्मा ।