कुछ नही कहते
धोबी की मोटरी लादे चलते
या कुम्हार की मिट्टी लादे मचलते
जब कडाके की ठंड हो
या झुलसाती धूप हो
जब बरसती है लठ्ठ
तब भी नही रेंकते
गधों का रेंकना दरअसल
एक अजूबा है ।
---------श्श ।
धोबी की मोटरी लादे चलते
या कुम्हार की मिट्टी लादे मचलते
जब कडाके की ठंड हो
या झुलसाती धूप हो
जब बरसती है लठ्ठ
तब भी नही रेंकते
गधों का रेंकना दरअसल
एक अजूबा है ।
---------श्श ।
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