कविता अच्छी लिखने का मतलब
यह कतई नही होता
कि कविता वाकई अच्छी है
कविता अच्छी होने का मतलब
भी यह कतई नही होता कि
कवि वाकई अच्छा है
अब मानसर के कमल के फ़ूल
माली चहबच्चों में भी खिलानें लगे है
बहुत से भिखारी करोडपति भी होते है
बहुत से करोडपति भिखारी भी ,..
सैकडों भूलभूलैयों के कमरों से बने महल का मालिक
एक अकेला आदमी भी है
कविता भी इससे नही है
अभिन्न ।
---------------------शिव शम्भु शर्मा ।
No comments:
Post a Comment