अनावृत
स्वागत है आपका ।
Monday 11 March 2013
बोलना
जरूरी नही कि
अपने खुले जख्म खुलेआम बताए जाए
जरूरी नही कि
अपने भीतर छुपे प्यार को खुलेआम जताए जाए
कभी जरूरी नही होता है
बोलना
सिवा इसके
जीने या मरने के लिये ।
---------------------------शिव शम्भु शर्मा ।
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