बरसात और ठंड के बाद इस बार
बलुअठ टीले पर कुछ हरी दुबें उग आयी है
पहली बार
अब गुनगुनी धूप तेज होने लगी है
धीरे- धीरें गर्म होने लगी है हवाये
गुलमोहर की पत्तियां फ़लियां सूख चुकी है
जो फ़िर से खिल उठेगीं जल्द ही
मगर ये हरी दुबें जल जाएगी
हमेशा हमेशा के लिये
और फ़िर से उजाड हो जायेगा टीला
उदास गुमसुम
नियति के खेल से रूबरू
और बेखबर
---------------शिव शम्भु शर्मा ।
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