अगर कविता का मतलब
एक गुलाब लेकर अपनी प्रेयसी को रिझाना
उसके विरह में विलाप करना है
अगर
बेगैरत हुक्काम की ताबेंदारी चापलुसी करना
गुमाश्तें की तरह छतरी ढोना और कानाफ़ुसी करना है
तो नही लिखनी है मुझे ऎसी कोई कविता
कह दो उन्हें
जो शब्दकौशल शब्दचित्र और शब्दबिम्ब के चातुर्य
का हुनर रखते है ।
----------------शिव शम्भु शर्मा ॥
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